आजमगढ़ [जयप्रकाश निषाद]। रिसर्च के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर खुले आसमान के नीचे खेत, गंवई परिवेश। उत्प्रेरणा के नाम पर कोई गाइड न प्रचुर संसाधन। एक तरफ बिजली संकट तो मोबाइल जीवन का अभिन्न अंग। ऐसे में अहरौला क्षेत्र के मेहियापार निवासी किसान रामचंद्र मौर्य के दिमाग में एक परिकल्पना ने जन्म लिया कि क्या बिना बिजली के मोबाइल चार्ज नहीं हो सकता। विचार आया कि वायुमंडल में मौजूद ऊर्जा से मोबाइल चार्ज करने की तरकीब निकाली जाए। मंथन व व्यवहार में परिकल्पना को साकार करने में वक्त तो लगा लेकिन रामचंद्र ने यह साबित कर दिया कि यह असंभव नहीं है।
उन्होंने वायुमंडल की ऊर्जा द्वारा ईयरफोन से मोबाइल की बैटरी चार्ज कर लोगों को दांतो तले अंगुली दबाने पर मजबूर कर दिया। वह भी मात्र बीस मिनट में फुल ल बैटरी चार्ज कर देते हैं। बस मोबाइल के अंदर एक चिप लगी है जिसका खर्च मात्र 20 से 30 रुपये है। चिप ही कामयाबी की असली वजह है। इसके पूर्व वह बिजली उत्पादन करने का प्रोजेक्ट तैयार कर चुके हैं। उन्होंने पिछले वर्ष 10 मई को राष्ट्रपति के समक्ष इसका प्रदर्शन भी किया।
रामचंद्र मौर्य मूलत: किसान हैं। उन्होंने डीएवी कालेज से वर्ष 1986 में पीएमसी गु्रप में बीएससी की डिग्री ली। उसके बाद खेती बाड़ी कर परिवार का जीवन यापन करते हैं। उन्होंने बताया कि वायुमंडल में तमाम तरह की ऊर्जा हैं जिनका सदुपयोग किया जा सकता है। वह पिछले 12-13 साल से वातावरण की ऊर्जा से नए-नए प्रयोग कर रहे हैं। उन्होंने एक चिप को अपनी मोबाइल में सेट किया और बाहर से ईयरफोन लगाया तो मोबाइल चार्ज होने लगा। करीब बीस मिनट तक मोबाइल वायुमंडल में रखने के बाद फुल चार्ज हो जाता है।
शिब्ली नेशनल पीजी कालेज में भौतिक विज्ञान के प्रोफेसर डा. इमरान अजीज वायुमंडल की ऊर्जा से मोबाइल की बैटरी चार्ज करना संभव है। इस प्रकार की ऊर्जा वातावरण में विद्यमान है। इस तरह की जिस खोज किसी ने की है, सराहनीय है।''
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